BIHAR : एक नाम सीएम नीतीश के लिए बना ‘कांटों वाला ताज’, 14 में से 6 मंत्रियों के खिलाफ दर्ज हैं गंभीर आपराधिक केस
पटना। बिहार में नीतीश सरकार की ताजपोशी हो चुकी है। मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी हो चुका है, लेकिन नीतीश कैबिनेट में शामिल मंत्रियों में एक नाम कांटों वाला ताज साबित हो रहा है। वह नाम है डॉ. मेवालाल चौधरी का। जिसे नीतीश कुमार ने शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग का कार्यभार सौंपकर अलंकृत किया है, जबकि मेवालाल पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति रहते समय भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और उन पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी। इसके बाद जदयू से उन्हें निलंबित कर दिया गया था। लेकिन अब नीतीश कैबिनेट में शिक्षा विभाग का मंत्री बनाकर नीतीश कुमार ने उन्हें पाक साफ साबित करने की असफल कोशिश की है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और इलेक्शन वॉच के अध्ययन के अनुसार, नीतीश कैबिनेट के 14 मंत्रियों में से आठ (57 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। वहीं छह (43 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आपराधिक मामलों वाले 8 मंत्रियों में से भाजपा के 4, जदयू के 2 और हम व वीआईपी के एक-एक शामिल हैं। यहां बता दें कि नीतीश कुमार की कैबिनेट में सिर्फ मेवालाल चौधरी ही दागी नहीं हैं बल्कि 14 में से 6 मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं।
2017 में चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे मिलने से भी इनकार कर दिया था। मेवालाल चौधरी का नाम बीएयू भर्ती घोटाले में सामने आया था और राजभवन के आदेश से उनके खिलाफ 161 सहायक प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्ति के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बता दें कि 12.31 करोड़ रुपए की घोषित संपत्ति के साथ चौधरी सबसे अमीर मंत्री हैं। वहीं, 14 मंत्रियों की औसत संपत्ति 3.93 करोड़ रुपए है। मेवालाल चौधरी ने अपने शपथ पत्र में आईपीसी के तहत एक आपराधिक मामला और चार गंभीर मामले घोषित किए हैं। पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी ने पांच आपराधिक मामलों और गंभीर प्रकृति के तीन मामलों की घोषणा की है। भाजपा के जिबेश कुमार ने भी पांच आपराधिक मामलों और गंभीर प्रकृति के चार मामलों की घोषणा की है। वहीं पांच अन्य हैं जिनके खिलाफ अलग-अलग प्रकृति के आपराधिक मामले दर्ज हैं।