आखिर कौन है दोषी? पटना में नाले के मेनहोल में गिरकर मासूम की डूबने से मौत, आक्रोश

फतुहा (भूषण प्रसाद)। एक बार फिर पटना जिला में खुले मेनहोल ने एक मासूम की किलकारी को हमेशा के लिए दफन कर दिया। आखिर मासूम की मौत का जिम्मेवार कौन है? ऐसे कई अनुत्तरित सवाल लोगों के मन में तैर रही है। सरकार से लोग सवाल कर रहे हैं कि एक तरफ नाली-गली का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यही नाले काल के गाल बन रहे हैं। क्या यही है नीतीश सरकार के विकास का पैमाना, जहां विकास के नाम पर मासूम की बलि ली जा रही है। इसके पूर्व राजधानी पटना में इस तरह की घटना हो चुकी है। इसके बावजूद सरकार एवं ठेकेदारों पर कोई असर नहीं हुआ। यहीं कारण है कि फतुहा में एक बार फिर इस तरह की हादसे की पुनरावृत्ति हुई है।

मंगलवार को शाम चार बजे के करीब डुमरी गांव में खुले नाले के मेनहोल में एक चार वर्षीय मासूम गिर गया तथा नाले के पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। परिजनों को इस बात की जानकारी तब हुई जब घर में बच्चे को काफी देर तक नहीं देखने के बाद उसकी खोजबीन शुरू की। घर के बाहर निकलकर जब नाले में गिरे होने का शक हुआ तो परिजन नाले में उतर गये। बच्चा उसी जगह पर नाले के पानी में डूबा हुआ मिला। लेकिन बच्चे की मौत हो चुकी थी। मासूम का शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। बच्चे की पहचान शेखपुरा जिले के बरबीघा के बलवा गांव निवासी विपिन राय का चार वर्षीय पुत्र अपेश के रुप में हुई है। यह बच्चा अपनी मां के साथ नाना डुमरी गांव निवासी अनिल राय के घर आया हुआ था। परिजनों की माने तो बच्चा शाम को घर के दरवाजे के पास खेल रहा था। बच्चा कब घर से बाहर आकर नाले के ढलाई पर खेलने लगा, किसी को नहीं पता चला। बच्चा खेलते-खेलते नाले के खुले चैम्बर में गिर गया। नाला की गहराई चार फीट से उपर बताया जा रहा है। विदित हो कि इस गांव में सरकारी अनुदान से नाली-गली योजना के तहत हाल ही में नाले का निर्माण कराया गया है। लेकिन नाले के उपर जगह-जगह पर चैंबर खुले पड़े हैं। ग्रामीणों ने इस बात को लेकर आक्रोश जताया है।