BIHAR : अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा 65 वर्ष तक विस्तारित करने की मांग, सिंडिकेट के सदस्यों को सौंपा ज्ञापन
पटना। भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने विश्वविद्यालय से मांग की है कि वह उच्च शिक्षा विभाग, बिहार सरकार और राज्यपाल सह कुलाधिपति को अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा स्थायीकरण और यूजीसी के अनुसार उनके मानदेय 50000 रूपये अधिकतम प्रतिमाह करने हेतु अनुशंसा पत्र विश्वविद्यालय द्वारा भेजा जाए। ज्ञातव्य हो कि दूसरे विश्वविद्यालय के कुलपतियों द्वारा अनुशंसा पत्र भेजा गया है। अतिथि सहायक प्राध्यापकों की मुख्य मांग है कि उनकी नियुक्ति अस्थाई रूप से यूजीसी एवं बिहार सरकार के नियमों के अनुपालन तथा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में यूजीसी एवं बिहार सरकार के नियमानुसार सक्षम साक्षात्कार समिति के द्वारा मेधा सूची आरक्षण नियम और रोस्टर का अनुपालन करते हुए किया गया है। उनकी सेवा को नियमित की जा सकती है। इससे पूर्व भी अस्थाई सहायक प्राध्यापकों की सेवा बिहार सरकार द्वारा सेवा स्थाई गई थी।
बिहार सरकार तथा राज्यपाल सह कुलाधिपति से मांग
संघ ने बिहार सरकार तथा राज्यपाल सह कुलाधिपति से मांग की है कि अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा 65 वर्ष तक विस्तारित की जाए। उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार के अंतर्गत ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राजकीय अभियंत्रण एवं पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कॉन्ट्रैक्ट सहायक प्राध्यापकों की सेवा 65 वर्ष तक विस्तारित एवं 50,000 रुपए मानदेय किया गया है। संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा की जाने वाली नियुक्ति में अतिथि सहायक प्राध्यापकों के पदों को छोड़कर अन्य पदों पर बहाली की जाए। क्योंकि बिहार के विश्वविद्यालयों में लगभग 9000 स्वीकृत पद है।
सिंडिकेट के सदस्यों को ज्ञापन सौंपा
संघ द्वारा अपनी मांगों के पूर्ति के लिए शनिवार को सिंडिकेट की बैठक में सिंडिकेट के सदस्यों विधान पार्षद प्रो. डॉ. संजीव कुमार सिंह, विधायक गूंजेश्वर साह, प्रो. डॉ. रामनरेश सिंह, कुलपति प्रो. डॉ. आरकेपी रमण को ज्ञापन सौंपा। मौके पर संघ अध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार दास, महासचिव दीपक कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.सिकंदर कुमार, डॉ. प्रशांत कुमार मनोज, डॉ. जयंत कुमार ठाकुर, प्रवक्ता डॉ. संतोष कुमार, डॉ. अरुण कुमार साह सहित अन्य शामिल थे।