November 21, 2024

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटने के बावजूद केंद्र ने डीजल-पेट्रोल महंगा कर आम आदमी की जेब पर डाला बोझ : राघव चड्ढा

CENTRAL DESK : आम आदमी पार्टी ने पेट्रोल और डीजल के दामों में तीन रुपये बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश में आज स्थिति यह हो गई है कि स्कूटर में डालने वाला पेट्रोल महंगा है और जहाज में डालने वाला एविएशन फ्यूल सस्ता हो गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने अपने 6 साल के कार्यकाल में एक दर्जन से भी ज्यादा बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा-बढ़ा कर डीजल और पेट्रोल के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई रिकार्ड गिरावट के बावजूद डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी आने की बजाए, उसे बढ़ा दिया गया, जबकि वर्तमान स्थिति के अनुसार पेट्रोल के दाम 39.76 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 31 रुपए प्रति लीटर होने चाहिए। पार्टी ने तत्काल पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती करने की भी मांग की है।

पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 6 साल के कार्यकाल में एक दर्जन से भी ज्यादा बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा-बढ़ा कर पेट्रोल और डीजल के दाम इतने कर दिए कि आज पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह हो गई है कि आम आदमी की मोटरसाइकिल और स्कूटर में डलने वाला पेट्रोल महंगा हो रहा है और जहाज का फ्यूल सस्ता हो रहा है। राघव ने कहा कि वर्तमान समय में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 69.87 रुपए प्रति लीटर है, डीज़ल की कीमत 62.50 रुपए प्रति लीटर है और एविएशन फ्यूल की कीमत 56.86 रुपए प्रति लीटर है। आज मोदी सरकार ने देश में एक ऐसी अर्थव्यवस्था स्थापित कर दी है जहां जहाज उड़ाना सस्ता है और कार, मोटरसाइकिल एवं स्कूटर चलाना महंगा है। उन्होंने कहा कि एक तो देश में बेरोजगारी की यह स्थिति है कि पिछले 40 साल में बेरोजगारी अपने चरम पर है, ऊपर से मोदी सरकार ने देश में महंगाई बढ़ाने की ठान ली है।

राघव चड्ढा ने कहा कि हिंदुस्तान में डीजल और पेट्रोल के दाम सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार के दामों के साथ जुड़े हुए हैं। यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटते हैं तो घरेलू बाजार में भी डीजल और पेट्रोल के दाम घटते हैं और यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं, तो घरेलू बाजार में भी डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 15 साल के न्यूनतम स्तर पर हैं। अर्थात नवम्बर 2004 में आज से 15 साल पहले जो कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में थे, आज वही दाम हैं, परंतु भारतीय घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दामों की कीमत में कोई कमी नहीं आई, उल्टा मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाती जा रही है। आज भी स्पेशल एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से 3 रुपए एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल और डीजल पर बढ़ा दी गई। 2014 में जब भाजपा की केंद्र में सरकार बनी थी, उस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जो कच्चे तेल की कीमत थी, उसकी तुलना में भी आज कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 55% कम हुई है। राघव ने प्रश्न पूछते हुए कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में 55% तक की गिरावट आई है, तो क्या आम आदमी के स्कूटर और  बाइक में डलने वाले पेट्रोल की कीमत में 55% की कमी नहीं आनी चाहिए? जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती है तो जनता के लिए भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा दी जाती है, तो क्यों नहीं मोदी सरकार ने कच्चे तेल की कीमत घटने पर आम आदमी के लिए पेट्रोल और डीजल के दामों को घटाया?

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